Friday, February 1, 2013

जंगल में गूंजी सिसकी

भरी दुपहरी 

खुली मशहरी 

मच्छर करते गुन गुन गुन

 
चिड़ियाँ दाना चुगना भूलीं 


करतीं रह गयीं, चूं चूं चूं 


लार बहाते, कुत्ते भौंकें

 
जंगल देखे जंगल चौंके

 
हड्डी नोंचें चिड़िया की 


जंगल में गूंजी सिसकी 


उसकी सिसकी गूंगी थी

 
या जंगल की दुनिया बहरी थी

 
देख चिरैया की हालत 


खौफ जंगल में फ़ैल गया 


और कुत्तों की जुबानों ने 


एक नए गोश्त का स्वाद चखा 


और इधर जंगल में सारे शेर शर्मिंदा हैं 


जंगल में आज भी वहशी कुत्ते जिंदा हैं

2 comments:

Mohit Ahuja said...

very well crafted...

Unknown said...

thank you mohit bhai.