मंजूरी की मजबूरी है
ख्वाबों की हकीक़त से
ये जाने कैसी दूरी है
टूटा- चिटका सच बेहतर है
उजले उजले धोखे से
कुछ मौके पर तुम मुकरे हो
कुछ मौकों पर गलत थे हम
धुंआ धुंआ फैले थे तुम
हवा हवा संवरे थे हम
अब खुद को कितना मौका दूंगा
कितना मै समझाऊंगा
परछाई के खातिर कब तक
सूरज को पीठ दिखाऊंगा
ये जिंदगी की दौड़ है
यहाँ हारना भी जरूरी था
यहाँ जीतना भी जरूरी है
मजबूरी की मंजूरी है या
मंजूरी की मजबूरी है
ख्वाबों की हकीक़त से
ये जाने कैसी दूरी है