बासी रोटी के कुछ टुकड़े
हाथो में एल्मुनियम का गन्दा कटोरा
तरकारी के कुछ रसीले आलू
जिन पर कुछ मक्खियाँ भिनभिना रही हैं
और बोल रही हों पहले हमे खाना है
वो मैले नन्हे हाथों से
उन्हें हटाने कि मासूम कोशिस
गिडगिडती हुई आवाज़ में
हँसने का प्रयास
अंग्रेजी के कुछ शब्दों को
बार बार दुहराते हैं
वो राजधानी में
पेट में हाथ फेरते है और
थेंक यू, थेंक यू बोलते है
वो बचपन की आवाज़ है
या किसी शातिर दिमाग की चाल है
ऐसे ना जाने कितने मेरे मन में सवाल हैं
ऐसे ना जाने कितने मेरे मन में सवाल हैं
पर वो बेबस हैं, बदहाल हैं
जो भी हैं कमाल हैं
baasi roti ke kuch tukde
tarkaari ke kuch raseele aaloo
jin par kuch makkhiyan bhinbhina rahi hain
aur bol rahin hon ki pahle hume khana hai
unhe hatane ki vo masoom koshis
gidgidati hui awaaz mein
hasne ka prayas
angrezi ke kuch sabdon ko
baar baar duhrate hain
vo raajdhaani mein
pet mein haath ferte hain aur
thank you! thank you! bolte hain
vo bachpan ki aawaz hai
ya kisi shatir dimaag ki chaal hai
aise na jaane mere man mein na jaane kitne sawaal hain
par vo bebas hain, badhaal hain
jo bhi hain kamaal hai